जानिए कैसे तैयार किया जाता है स्टोरी प्लॉट?

 किसी भी कहानी का प्लॉट उस कहानी की जान कहा जाता है। क्योंकि वही कहानी को सक्सेसफुल या फिर फ्लॉप बना सकता है। ऐसे ही स्टोरी प्लॉट अगर रोमांचक हो तो वह लोगों में उस कहानी के लिए एक नया उत्साह बढ़ाते हैं और अगर वह पुराना या फिर कोई मामूली सा प्लॉट हो तो लोग उसे कम पसंद करते हैं। तो कैसे तैयार कर सकते हैं हम एक स्टोरी प्लॉट यह जानना बहुत जरूरी है।

आइए जानते है विस्तार से –

शैली चुने

सबसे पहले कोई भी कहानी लिखने के लिए उसकी शैली चुनना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि किसी भी कहानी की शैली ही उसका आने वाला प्लॉट तय करती है। कहानी अगर सस्पेंस भरी है तो उसके लिए कुछ वैसा प्लॉट लिखना जरूरी है अगर वह रोमांटिक कहानी है तो उसके लिए कुछ प्यार भरे प्लॉट की जरूरत पड़ती है। ऐसे ही अलग-अलग शैली के लिए अलग-अलग प्लॉट की जरूरत होती है।

सेकेंडरी स्टोरी प्लॉट

 किसी भी कहानी का सबसे पहले एक प्लॉट होता है जो मुख्य प्लॉट कहा जाता है जैसे कि अगर कोई सस्पेंस पर एक कहानी लिखी जा रही है जिसमें कोई  मेईन कैरेक्टर दूसरे कैरेक्टर से बदला ले रहा है तो ये मेईन प्लोट हो सकता है। इसमें अलग-अलग किरदारों की अलग-अलग सिचुएशन दिखाई जाए जैसे वह बदला क्यों लेना चाहता है उसकी भूतकाल का कोई वाक्या जिसकी वजह से आज वह इंसान ऐसा है। यह हो सकता है स्टोरी का सेकेंडरी प्लॉट।

 कहानी के सारे रंग

 जब भी किसी कहानी का प्लॉट तैयार किया जाए तो एक बात का ध्यान खास रखना चाहिए कि उस में हर एक रस शामिल हो। जैसे की हास्य रस, प्रेम रस  इत्यादि। इससे कहानी और ज्यादा रोमांचक बनती है। हर कहानी में हर तरह का शेड रहता है।

 रिसर्च

 किसी भी कहानी का प्लॉट लिखने के लिए सबसे पहले रिसर्च करना बहुत जरूरी होता है। आजकल ऐसी कहानियां कितनी ज्यादा चलती है कितने लोग ऐसी कहानियां पढ़ना पसंद करते हैं। साथ ही ऐसी कहानियों में क्या-क्या ऐसी चीज है जो लेखकों और वाचूको दोनों के लिए फायदा कारक है? वाचक सबसे ज्यादा क्या  पढ़ना पसंद करते हैं।

मुख्य किरदार के जीवन का संघर्ष

 किसी भी कहानी में मुख्य किरदार को हमेशा संघर्ष से जूझते हुए दिखाना किसी भी कहानी के लिए बहुत अच्छा हो सकता है। हर एक वाचक अपने मुख्य किरदार को अपना आइडल समझता है। ऐसे में वह संघर्षों से निपटने के लिए क्या-क्या रास्ते अपनाता है यह देखने के लिए वाचक हमेशा उत्सुक रहते हैं।

 सहकारी  किरदार

 मेन लीड कैरेक्टर के साथ-साथ एक सेकेंडरी कैरेक्टर का होना भी उतना ही जरूरी होता है किसी भी कहानी में। सेकेंडरी किरदार हमेशा मुख्य किरदार की जिंदगी में कोई अड़चन खड़ी करता है या फिर उसे सुलझाने में उसकी मदद करता है। दोनों सूरत में कहानी और ज्यादा इंटरेस्टिंग बनती जाती है।

 कहानी के किरदार

 कहानी के किरदार को अलग-अलग शेड में दिखाना भी प्लॉट बनाने के लिए बहुत जरूरी होता है।  जैसे अगर किसी कहानी में एक पॉजिटिव कैरेक्टर है तो दूसरा नेगेटिव कैरेक्टर जिससे कहानी लंबी चल सके और ऐसे में कहानी का प्लॉट भी आगे बढ़ सके। बिना किसी संघर्ष की कहानी चल नहीं सकती और इसीलिए पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों कैरेक्टर का होना जरूरी है।

लगातार कथा में बदलाव

 पूरे वक्त प्लॉट में सिर्फ संघर्ष दिखाना भी कई बार वाचकों को बोर कर सकता है। ऐसे में कभी-कभी कुछ रोमांटिक कुछ कॉमेडी और कुछ एक्शन कहानी में रखना भी उतना ही जरूरी हो जाता है। इसलिए कहानी में लगातार थोड़ी-थोड़ी वक्त में चेंज किए जाए।


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